Monday, January 8, 2018

इक सवाल



हमसे मिलने के बहाने बनाते भी हो
 मिलकर हमसे  मुस्कराते भी हो
मुस्करा के नज़रे मिलाते भी हो
मिला कर नज़रें चुराते भी हो
नज़रें चुरा कर इतराते भी हो
इतराते हुए शरमाते भी हो

हो गई है  गर हमसे मोहब्बत तुम्हे
इज़हारे मोहब्बत से कतराते क्यूँ  हो ?



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