ये नयन तेरे शराबी
पीने की हो बेताबी
थोड़ी आँखों से पिला भी
तकती हैं आँखें प्यासी ....तकती हैं आँखें प्यासी
ये होंठ तेरे गुलाबी
छुने की हो बेताबी
जरा होंठो से होंठ मिला भी
चख के बड़े नशा भी ...चख के बड़े नशा भी
ये जुल्फ तेरी घटा सी
जो हिले रुके हवा भी
ज़रा गालों से हटा भी
ना छुपा चेहरा महताबी ॥ ना छुपा चेहरा महताबी
पीने की हो बेताबी
थोड़ी आँखों से पिला भी
तकती हैं आँखें प्यासी ....तकती हैं आँखें प्यासी
ये होंठ तेरे गुलाबी
छुने की हो बेताबी
जरा होंठो से होंठ मिला भी
चख के बड़े नशा भी ...चख के बड़े नशा भी
ये जुल्फ तेरी घटा सी
जो हिले रुके हवा भी
ज़रा गालों से हटा भी
ना छुपा चेहरा महताबी ॥ ना छुपा चेहरा महताबी
Beautifully written :) ..
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